Kirodi lal meena biography of rory


कौन है डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा, जिन्होंने एक बार फिर मचा दी राजस्थान की राजनीति में खलबली

जयपुर:भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर भाजपा में खलबली मचा दी है। लोकसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान में पार्टी प्रत्याशियों को मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए डॉ.

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किरोड़ीलाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। यह पहला मौका नहीं है जब डॉ. मीणा ने भाजपा में खलबली मचाई हो। इससे पहले भी वसुंधरा राजे के साथ रिश्तों को लेकर वे पार्टी को छोड़ चुके हैं। पूरे 10 साल तक पार्टी से बाहर रहने के बाद वर्ष में उनकी वापसी हुई थी।डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने दिया मंत्री पद से इस्तीफा, बीजेपी सरकार को बड़ा झटका, अब क्या करेंगे 'बाबा'

किरोड़ीलाल मीणा ने वसुंधरा राजे से खटास हुई और छोड़ दी थी पार्टी


डॉ.

किरोड़ीलाल मीणा छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं। वे पहली बार वर्ष में महुवा विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। में बामनवास विधानसभा सीट से चुनाव जीते। वर्ष के चुनाव में वे सवाई माधोपुर से चुनाव जीते और वसुंधरा राजे के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री भी रहे। वर्ष से लेकर तक वे मंत्री रहे। इस दौरान वसुंधरा राजे से उनके रिश्तों में खटास आ गई थी। ऐसे में डॉ.

मीणा ने भाजपा का दामन छोड़ दिया था और अगले विधानसभा चुनाव में यानी के चुनाव में वे टोडाभीम विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक बने। वर्ष के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पीए संगमा की पार्टी का दामन थामा और प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे। चार सीटों पर जीत भी दर्ज की। 10 साल तक पार्टी से बाहर रहने के बाद में उनकी भाजपा में वापसी हुई।

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गहलोत सरकार को समर्थन दिया था डॉ.

मीणा ने


वर्ष के विधानसभा चुनाव में डॉ. किरोड़ी लाल मीणा टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र से और उनकी पत्नी गोलमा देवी महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक चुनी गई थी। उन दिनों राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी थी और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने। निर्दलीय विधायक डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और उनकी पत्नी गोलमा देवी ने गहलोत सरकार को समर्थन दिया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने मंत्री मंडल में गोलमा देवी को स्थान दिया था और उन्हें खादी और ग्रामोद्योग राज्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि कुछ महीने बाद ही गोलमा देवी ने मंत्री पद छोड़ दिया था।

एनपीपी के जरिए कूदे चुनाव में 4 सीटें भी जीती


वर्ष के विधानसभा चुनाव में डॉ.

किरोड़ी लाल मीणा पीएम संगमा की पार्टी नेशनल्स पीपुल्स पार्टी का दामन थाम लिया था। एनपीपी के कुल उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे जिनमें से चार प्रत्याशियों ने जीत भी दर्ज की थी। आमेर विधानसभा सीट से नवीन पिलानिया, राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ से गोलमा देवी, सिकराय से गीता वर्मा और लालसोट सीट के खुद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा विधायक बने थे। उन दिनों यानी से तक प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थी।